Old Pension Scheme: आज हम इस आर्टिकल में आपको ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) के बारे में बताने वाले हैं। भारत में सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन एक महत्वपूर्ण वित्तीय सुरक्षा का साधन है। जो उनके सेवानिवृत्ति के बाद जीवन यापन में सहायता करती है। 2004 से लेकर अभी तक भारत में पुरानी पेंशन योजना लागू थी। जिसके तहत सरकारी कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलता था। लेकिन 2004 के बाद इस नई पेंशन योजना (NPS) में बदलाव किया गया है।

इन कुछ वर्षों में पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की मांग की जा रही है। और नवंबर 2024 तक इस पर कई चर्चाएं और फैसला हमारे सामने आए हैं। इस आर्टिकल में हम पुरानी पेंशन योजना के बारे में आपको विस्तार रूप से जानकारी देने वाले हैं इसके वर्तमान परिदृश्य को समझेंगे।
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पुरानी पेंशन योजना (OPS) क्या है
पुरानी पेंशन योजना एक गैर-अंशदायी पेंशन योजना थी इसका मतलब था, कि कर्मचारियों को अपनी सैलरी से कोई योगदान नहीं करना पड़ता था। यह योजना मुख्यतः राज्य और केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए बनाई गई थी। इस योजना के तहत कुछ निम्नलिखित जानकारी हमने बताइए है।
- कर्मचारियों को अंतिम सैलरी का 50% पेंशन के रूप में सैलरी दी जाती थी।
- महंगाई भत्ता भी समय-समय पर जोड़ा जाता था जिससे बढ़ती महंगाई का असर कर्मचारियों के लिए कम होता था।
- इसके अलावा जनरल प्रोविडेंट फंड का प्रावधान भी दिया जाता था जिसमें कर्मचारी अपने सैलरी का कुछ हिस्सा जमा कर सकते थे और सेवानिवृत्ति पर उसे ब्याज सहित प्राप्त कर पाते थे।
- ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारियों को ग्रेच्युटी भी मिलती थी जो उनकी सेवा अवधि और अंतिम वेतन पर आधारित होती है।
नई पेंशन योजना (NPS) और पुरानी पेंशन योजना (OPS) में अंतर
2004 में पुरानी पेंशन योजना को बिल्कुल बंद कर दिया गया था और उसकी जगह नई पेंशन योजना जारी की गई थी। नई योजना योजना एक अंशदायी प्रणाली है। इसमें कर्मचारियों और नियोक्ता दोनों को अपने वेतन का एक हिस्सा योगदान करना होता है। नई पेंशन योजना अधिकतर बाजार आधारित निवेशों पर निर्भर होती है। जिससे इसमें निश्चित रिटर्न के गारंटी नहीं होती है।
नवंबर 2024 तक पुरानी पेंशन योजना की स्थिति
नवंबर 2004 तक पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की मांग की गई थी। कई राज्य सरकारों ने अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू किया है। जैसे कि पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और झारखंड। हालांकि केंद्र सरकार ने अभी तक इस सभी केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बदलाव नहीं किया है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के उसे फैसले को बरकरार अभी तक रखा है। जिसमें केंद्र सरकार को पुरानी पेंशन योजना बदलाव करने का निर्देश दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार में चार हफ्तों के भीतर जवाब की मांग की है। क्यों पुरानी पेंशन योजना को बदला नहीं गया यह मामला फरवरी 2024 में फिर से सुनने में आ रहा है।
राज्यों द्वारा उठाए गए कदम
- पंजाब सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू कर दिया है।
- राजस्थान सरकार ने भी अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू किया है।
- छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे राज्यों ने भी इसी दिशा में अपना कदम उठाया है और पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया है।
पुरानी पेंशन योजना की वापसी की मांग क्यों हो रही है
कर्मचारी संगठनों और यूनियनों द्वारा पुरानी पेंशन योजना की वापस मांग की गई है। इसलिए यह मांग जोर पकड़ रही है, क्योंकि नई पेंशन योजना में बाजार जोखिम शामिल होता है, और इसमें निश्चित रिटर्न की भी कोई गारंटी नहीं होती है। इसके विपरीत ओल्ड पेंशन योजना एक सुनिश्चित आय प्रदान करती थी। जो कर्मचारी को वित्तीय सुरक्षा देती थी।
OPS बहाली के पक्ष में तर्क
- निश्चित आय: ओल्ड पेंशन योजना में रिटायरमेंट के बाद निश्चित आय मिलती थी जो जीवनयापन के लिए पर्याप्त थी।
- बाजार जोखिम से मुक्ति: नई पेंशन योजना बाजार आधारित होने के कारण इसमें रिटर्न के कोई गारंटी नहीं होती है और यह रिस्की भी होती है जबकि ओल्ड पेंशन योजना पूरी तरह से सुरक्षित होते थी।
- महंगाई भत्ता: ओल्ड पेंशन योजना में महंगाई भत्ते का प्रावधान था जिसमें बढ़ती महंगाई का असर ओल्ड पेंशन योजना पर काम होता था।
NPS के पक्ष में तर्क
- निवेश लचीलापन: नई पेंशन योजना में निवेश विकल्प होते हैं जिससे कर्मचारी अपनी जोखिम क्षमता के अनुसार निवेश कर पता है।
- टैक्स लाभ: नई पेंशन योजना में टैक्स फ्री निकासी का प्रावधान होता है जिससे रिटायरमेंट पर बड़ी रकम प्राप्त होने की संभावना होती है।